परिचय
भारत सरकार द्वारा 2 अक्टूबर 2014 को "स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)" की शुरुआत की गई, जिसका उद्देश्य भारत को स्वच्छ, स्वस्थ और खुले में शौच से मुक्त बनाना है। उत्तर प्रदेश में यह मिशन ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से लागू किया जा रहा है, जहाँ खुले में शौच की प्रथा को समाप्त करने और स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।
पात्रता
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Phase I (October 2014 – March 2019):
हर ग्रामीण परिवार जो व्यक्तिगत शौचालय बनवाना चाहता था, वह स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के प्रथम चरण के अंतर्गत पात्र था -
Phase II (April 2019 – March 2025):
केवल “नए पात्र परिवार” (जिन्हें Phase I में अनुदान नहीं मिला था) ही इस चरण के तहत रु. 12,000 की प्रोत्साहन राशि के लिए पात्र माने जाएंगे
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) चरण-।। के घटक
- वैयक्तिक पारिवारिक शौचालयों का निर्माण
- शौचालयों की मरम्मत (रेट्रोफिटिंग)
- सामुदायिक स्वच्छता परिसरों (सीएससी) का निर्माण
- ठोस कचरा प्रबंधन कार्य
- बायो-डिग्रेडेबल कचरा प्रबंधन
- कंपोस्टिंग
- (क) घरेलू स्तर पर कम्पोस्ट गड्ढ़ा
- (ख) सामुदायिक स्तर का कंपोस्ट गड्ढ़ा
- गोबर-धन (Galvanizing Organic Bio-Agro Resources-dhan)
- प्लास्टिक कचरा प्रबंधन
- तरल कचरा प्रबंधन कार्य
- गंदले जल का प्रबंधन
- मलीय कचरा प्रबंधन
सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी)
- IEC में राज्यों की भूमिका
- IEC में जिलों की भूमिका
- राज्यो, जिलों और ग्राम पंचायतों के उपयोग के लिए उपलब्ध IEC चैनल्स
- ODF प्लस के लिए प्रमुख IEC संदेश
लाभ
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व्यक्तिगत शौचालय निर्माण:
प्रत्येक ग्रामीण परिवार को व्यक्तिगत शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। स्वच्छ शौचालय निर्माण हेतु प्रत्येक पात्र परिवार को वित्तीय सहायता और तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया जा रहा है। यह पहल खुले में शौच की समस्या को समाप्त करने एवं ODF की निरंतरता बनाए रखने में मदद करेगी। -
स्वच्छता जागरूकता अभियान:
राज्य के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसमें स्कूलों, पंचायतों और स्थानीय संगठनों के माध्यम से लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाता है। -
कचरा प्रबंधन और पुनर्चक्रण:
राज्य में कचरे का उचित प्रबंधन और पुनर्चक्रण करने के लिए योजनाएँ लागू की जा रही हैं। कचरे का निस्तारण और पुनः उपयोग करने की प्रक्रिया को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि पर्यावरण को क्षति न हो।
आवेदन प्रक्रिया
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पंचायत स्तर पर संपर्क:
कोई भी पात्र ग्रामीण परिवार या लाभार्थी स्थानीय ग्राम पंचायत कार्यालय में जाकर लाभ हेतु संपर्क करता है, क्योंकि स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के लिए कोई अलग से ऑनलाइन आवेदन पोर्टल उपलब्ध नहीं है। -
प्रपत्र एवं सत्यापन:
पात्र परिवार आवश्यक दस्तावेज जमा कर स्वीकृति के लिए आवेदन करता है।
ग्राम पंचायत या पंचायत सचिव द्वारा दस्तावेज सत्यापित किए जाते हैं। -
अनुदान वितरण:
सत्यापन के बाद व्यक्तिगत शौचालय निर्माण हेतु मान्यता प्राप्त परिवार के बैंक खाते में पूरे या आंशिक अनुदान की राशि हस्तांतरित की जाती है। -
निर्माण एवं गुणवत्ता जांच:
निर्माण कार्य निर्धारित तकनीकी मानकों के अनुसार होता है।
Completion के पश्चात स्थानीय प्रभारियों (panchayat अधिकारी/Block Swachhata Officer) द्वारा स्थलीय सत्यापन और गुणवत्ता जांच की जाती है।
दस्तावेज़
- पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, वोटर आईडी या राशन कार्ड)
- निवास प्रमाण (ग्राम पंचायत द्वारा जारी प्रमाण-पत्र)
- बैंक पासबुक की सत्य प्रति (भुगतान हेतु)
- आय/गरीबी रेखा प्रमाण (यदि परिवार BPL कैटेगरी में हो)
- अन्य स्थानीय आवश्यक दस्तावेज (जैसे जाति प्रमाण-पत्र, इत्यादि, यदि ज़िला/ग्राम पंचायत द्वारा माँगा जाए)
पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर:
Phase I (October 2014 – March 2019): हर ग्रामीण परिवार को व्यक्तिगत शौचालय (IHHL) निर्माण हेतु रु. 12,000 की केंद्र–राज्य संयुक्त आर्थिक सहायता दी गई।
Phase II (April 2019 – March 2025): केवल वे “नए पात्र परिवार” जिन्हें Phase I में अनुदान नहीं मिला था, उन्हें रु. 12,000 की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। साथ ही ODF स्थिरता बनाए रखना और ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन (SLWM) पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
Phase I (October 2014 – March 2019): हर ग्रामीण परिवार को व्यक्तिगत शौचालय (IHHL) निर्माण हेतु रु. 12,000 की केंद्र–राज्य संयुक्त आर्थिक सहायता दी गई।
Phase II (April 2019 – March 2025): केवल वे “नए पात्र परिवार” जिन्हें Phase I में अनुदान नहीं मिला था, उन्हें रु. 12,000 की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। साथ ही ODF स्थिरता बनाए रखना और ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन (SLWM) पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
उत्तर: सत्यापन के तुरंत उत्तरार्ध, पात्रता सुनिश्चित होने के बाद आमतौर पर 30
दिन के भीतर संबंधित बैंक खाते में अनुदान का भुगतान कर दिया जाता है।
उत्तर: हाँ। Phase II का उद्देश्य ODF स्थिति को बनाए रखना साथ-साथ SWM/SLWM
क्रियान्वयन को प्रोत्साहित करना है। यदि आपका परिवार पहले पात्र था, पर अभी तक
शौचालय नहीं बना पाया, तो आप Phase II में रु. 12,000 की सहायता प्राप्त कर
सकते हैं। वहीं यदि पंचायत स्तर पर SWM/SLWM ढांचा नहीं है, तो स्थानीय
स्वच्छता अधिकारी (Block/District Swachhata Officer) से संपर्क कर योजनाएँ
लागू करवाने हेतु मार्गदर्शन प्राप्त करें।
उत्तर:
• आधार कार्ड/वोटर आईडी/राशन कार्ड (पहचान प्रमाण)
• ग्राम पंचायत द्वारा जारी निवास प्रमाण-पत्र
• बैंक पासबुक की सत्य प्रति
• यदि BPL कार्ड धारक हैं, तो BPL प्रमाण-पत्र ।
• अन्य स्थानीय दस्तावेज (जैसे जाति प्रमाण) यदि ग्राम पंचायत द्वारा माँगा जाए।
• आधार कार्ड/वोटर आईडी/राशन कार्ड (पहचान प्रमाण)
• ग्राम पंचायत द्वारा जारी निवास प्रमाण-पत्र
• बैंक पासबुक की सत्य प्रति
• यदि BPL कार्ड धारक हैं, तो BPL प्रमाण-पत्र ।
• अन्य स्थानीय दस्तावेज (जैसे जाति प्रमाण) यदि ग्राम पंचायत द्वारा माँगा जाए।