परिचय

पंचायतीराज संस्थाओं का अंश एवं धन वितरण का फार्मूला

  • धनराशि का बंटवारा जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत एवं ग्राम पंचायतों के मध्य 15:15:70 के अनुपात में
  • जनपदवार विभाजन 90 प्रतिशत जनसंख्या (2011) तथा 10 प्रतिशत क्षेत्रफल के आधार पर
  • जनपद की ग्राम पंचायतों के मध्य 90:10 के सिद्धान्त पर अर्थात 90 प्रतिशत कुल जनसंख्या तथा 10 प्रतिशत अनुसूचित जाति/जनजाति की जनसंख्या को भर देते हुए
  • क्षेत्र पंचायतों के मध्य 90:10 के सिद्धान्त पर अर्थात 90 प्रतिशत कुल जनसंख्या तथा 10 प्रतिशत अनुसूचित जाति/जनजाति की जनसंख्या को भर देते हुए  
  • जिला पंचायतों के मध्य 90:10 के सिद्धान्त पर अर्थात 90 प्रतिशत कुल जनसंख्या तथा 10 प्रतिशत क्षेत्रफल को भर देते हुए  

वित्तीय वर्ष 2020.21 से वित्तीय वर्ष 2025.26 तक

  • वितरण का अनुपात => ZP:BP:GP => 15:15:70
  • मद => टाइड (60%) अनटाइड (40%)
  • टाइड ग्राण्ट का उपयोग स्वच्छता एवं पेयजल संबंधी कार्यो हेतु किया जाता है।
  • अनटाइड ग्राण्ट का उपयोग मुख्यता आधारभूत संरचनाओ/परिसम्पत्तियो के विकास एवं परिसम्पत्तियो के रख-रखाव आदि हेतु किया जाता है।
  • कुल धनराशि का अधिकतम 10% तक पंचायतो द्वारा तकनीकी एवं प्रशासनिक मद हेतु निर्धारित है।

पात्रता

उत्तर प्रदेश की सभी विधिवत गठित ग्राम पंचायतें, क्षेत्र पंचायतें और जिला पंचायतें इस योजना के अंतर्गत अनुदान प्राप्त करने के लिए पात्र हैं।

लाभ

  1. बंध-अनुदान (Tied Grants): इसका 50% भाग स्वच्छता और खुले में शौच मुक्त (ODF) की स्थिति के रखरखाव, तथा शेष 50% भाग पेयजल आपूर्ति, जल संचयन और जल पुनर्चक्रण जैसी सेवाओं के लिए निर्धारित है।
  2. अनाबद्ध-अनुदान (Untied Grants): इसका उपयोग ग्राम पंचायतों द्वारा स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार मूलभूत सेवाओं में सुधार हेतु किया जा सकता है।

पूछे जाने वाले प्रश्न

उत्तर: बंध-अनुदान (Tied Grants) का उपयोग विशेष रूप से स्वच्छता और पेयजल आपूर्ति जैसी सेवाओं के लिए किया जाता है, जबकि अनाबद्ध-अनुदान (Untied Grants) का उपयोग स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार विभिन्न मूलभूत सेवाओं में सुधार हेतु किया जा सकता है।