परिचय

मा० मुख्यमंत्री जी द्वारा राष्ट्रीय पंचायत दिवस दिनांक 24 अप्रैल 2017 के अवसर पर की गई घोषणा के क्रम में उत्‍तर प्रदेश में “दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार” की तर्ज पर प्रत्येक वर्ष ग्राम पंचायतों को पुरस्कार प्रदान करने हेतु “मुख्यमंत्री पंचायत पुरस्कार योजना” संचालित की जाती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य पंचायतों को सशक्त एवं पारदर्शी संस्था के रूप में विकसित करना, अधिनियम एवं नियमों के अनुसार कार्यवाही हेतु प्रोत्साहित करना, तथा उत्कृष्ट कार्य करने वाली ग्राम पंचायतों को पुरस्कृत कर उन्हें स्मार्ट ग्राम पंचायतों के रूप में विकसित करना है।

सतत विकास के लक्ष्यों की 09 थीम पर सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाली प्रत्येक जनपद की 05 ग्राम पंचायतों को पुरस्कृत किया जाता है।

  • दिनांक 24 अप्रैल, 2017 को मा० मुख्यमंत्री जी की घोषणा के क्रम में योजना का संचालन।
  • विगत वर्षों में कुल 2502 ग्राम पंचायतें रू0 281.55 करोड़ की धनराशि से सम्मानित।
  • वर्तमान वित्तीय वर्ष में शासनादेश जारी किये जाने की प्रक्रियाधीन है।

पुरस्कार श्रेणी

स्थान राशि
प्रथम पुरस्कार35 लाख
द्वितीय पुरस्कार30 लाख
तृतीय पुरस्कार20 लाख
चतुर्थ पुरस्कार15 लाख
पंचम पुरस्कार10 लाख

निर्धारित थीम एव पूर्णाक

क्रमांक थीम अंक
01थीम–01 गरीबी मुक्त गाँव10 अंक
02थीम–02 स्वस्थ गाँव10 अंक
03थीम–03 बाल मैत्री गाँव10 अंक
04थीम–04 पर्याप्त जल युक्त गाँव10 अंक
05थीम–05 स्वच्छ एवं हरित गाँव10 अंक
06थीम–06 आत्मनिर्भर बुजुर्गों वाले गाँव10 अंक
07थीम–07 सामाजिक रूप से सुरक्षित गाँव10 अंक
08थीम–08 सुशासन वाला गाँव20 अंक
09थीम–09 महिला हितैषी गाँव10 अंक

पात्रता

  1. उत्तर प्रदेश की वे सभी ग्राम पंचायतें (योग्य पंचायतें) इस योजना के लिए पात्र मानी जाएँगी, जो स्वमूल्यांकन प्रक्रिया के अंतर्गत निर्धारित आनलाइन प्रश्नावली समयबद्ध तरीके से पूर्ण करती हों।
  2. पात्र ग्राम पंचायतें स्वमूल्यांकन के बाद जिला स्तर पर गठित जनपद परफारमेंस असेसमेंट कमेटी द्वारा जांच एवं स्थलीय सत्यापन प्रक्रिया से सफलतापूर्वक गुजरती हों।

लाभ

  1. चयनित ग्राम पंचायतों को राज्य सरकार की ओर से मान्यता और पुरस्कार प्राप्त होता है, जिससे पंचायतों की उपलब्धियों को प्रदेश स्तर पर प्रचारित-प्रसारित किया जाता है।
  2. पुरस्कार के माध्यम से पंचायतों को अतिरिक्त संसाधन एवं प्रोत्साहन मिलता है, जिससे वे स्मार्ट ग्राम पंचायत के रूप में विकसित हो सकें।

आवेदन प्रक्रिया

  1. स्वमूल्यांकन: ग्राम पंचायतें स्वयं-स्वयं ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर निर्मित प्रश्नावली को निर्धारित समयसीमा में भरकर आवेदन करती हैं।
  2. प्रश्नावली परीक्षण: जिला स्तर पर गठित जनपद परफारमेंस असेसमेंट कमेटी द्वारा ग्राम पंचायतों द्वारा भरी गई प्रश्नावली का परीक्षण किया जाता है।
  3. स्थलीय सत्यापन: प्रश्नावली परीक्षण के उपरान्त, समिति प्रत्येक वर्ष पुरस्कार हेतु चयनित पंचायतों की दोगुनी संख्या को क्रमवार रखते हुए स्थलीय सत्यापन कराती है। सत्यापन टीम ग्राम पंचायतों का निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करती है।
  4. अंतिम चयन: जिलों से प्राप्त सूची का राज्य परफारमेंस असेसमेंट कमेटी (SPAAC) द्वारा पुनः परीक्षण एवं आवश्यकता अनुसार मंडलीय उपनिरीक्षक (पं0) के माध्यम से सत्यापन कर अंतिम रूप में ग्राम पंचायतों का चयन किया जाता है।

दस्तावेज़

  1. ऑनलाइन प्रश्नावली: स्वमूल्यांकन के समय भरी जाने वाली आधिकारिक फॉर्म।
  2. स्वमूल्यांकन रिपोर्ट: ग्राम पंचायत द्वारा प्रश्नावली में दी गई जानकारियों का संकलित विवरण।
  3. सत्यापन रिपोर्ट: स्थलीय सत्यापन के उपरान्त सत्यापन टीम द्वारा प्रस्तुत आधिकारिक रिपोर्ट।
  4. अन्य सहायक प्रमाण-पत्र (यदि निर्धारित किया जाए): वृहत कार्यों, परियोजनाओं एवं योजनाओं से संबंधित आवश्यक दस्तावेज़ (जिनकी आवश्यकता समिति द्वारा समय-समय पर घोषित की जा सकती है)।

पूछे जाने वाले प्रश्न

उत्तर: स्वमूल्यांकन की आनलाइन प्रश्नावली भरने की निर्धारित समयसीमा हर वर्ष SPAAC द्वारा घोषणा की जाती है।

उत्तर: सत्यापन के दौरान यदि कार्य असंतोषजनक पाया जाता है तो उस पंचायत को सूची से हटाया जा सकता है, तथा अगले क्रम की ग्राम पंचायत को शामिल किया जाएगा।

उत्तर: पुरस्कार वितरण समारोह की तिथि एवं स्थान SPAAC द्वारा निर्धारित होकर ग्राम पंचायतों को सूचित किया जाता है।

उत्तर: इस योजना के अंतर्गत गांव स्तर की पंचायतों को आवेदन भरने के लिए कोई शुल्क नहीं देना होता; आवेदन पूरी तरह नि:शुल्क है।

उत्तर: चयनित ग्राम पंचायतों को प्रमाण-पत्र, ट्रॉफी/स्मृति चिन्ह तथा राज्य सरकार द्वारा घोषित अन्य प्रोत्साहन प्रदान किए जाते हैं।